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दुर्गा पूजा और दशहरा हिंदू धर्म के दो महत्वपूर्ण त्योहार हैं। दुर्गा पूजा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में नौ दिनों तक मनाया जाता है, जबकि दशहरा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा का महत्व:
दुर्गा पूजा हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव है, जिसे पूरे भारत और दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा मनाया जाता है।
दुर्गा पूजा का महत्व कई तरह से है। सबसे पहले, यह मां दुर्गा की उपासना का एक अवसर है। मां दुर्गा को शक्ति और शौर्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है।
दूसरे, दुर्गा पूजा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि के दौरान, भक्त मां दुर्गा से बुराई के विनाशक बनने की प्रार्थना करते हैं। दशहरा के दिन, भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक स्थापित किया था।
तीसरे, दुर्गा पूजा एक सामाजिक समारोह है। इस दौरान, परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ समय बिताने और आनंद लेने का अवसर मिलता है।
दुर्गा पूजा का इतिहास:
दुर्गा पूजा का इतिहास भारत में हजारों वर्षों पुराना है। इसका उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि रामायण और महाभारत।
दुर्गा पूजा का उद्देश्य मां दुर्गा की पूजा करना है। मां दुर्गा को शक्ति और शौर्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति और साहस प्राप्त होता है।
दुर्गा पूजा का इतिहास कई किंवदंतियों और कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक किंवदंती के अनुसार, मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। महिषासुर एक शक्तिशाली राक्षस था, जिसने तीनों लोकों पर आतंक का राज स्थापित कर दिया था। मां दुर्गा ने अपने नौ रूपों का प्रयोग करके महिषासुर का वध किया और दुनिया को उसकी बुराई से बचाया।
दुर्गा पूजा की शुरुआत नवरात्रि से होती है। नवरात्रि नौ दिनों का त्योहार है, जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इन नौ दिनों में, भक्त मां दुर्गा की पूजा करते हैं।
दुर्गा पूजा का समापन दशहरा के दिन होता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन, भगवान राम ने रावण का वध किया था।
दुर्गा पूजा के पर्व का आयोजन
दुर्गा पूजा के पर्व का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है। इस दौरान, घरों और मंदिरों में मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना की जाती है। इन मूर्तियों को कलाकारों द्वारा बड़ी ही सुंदरता से बनाया जाता है।
दुर्गा पूजा के दौरान, भक्त मां दुर्गा की पूजा करते हैं। पूजा में मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन और आरती शामिल हैं। इस दौरान, कन्या पूजन, मेला और जुलूस भी निकाले जाते हैं।
अक्टूबर में दुर्गा पूजा 2023 कब है?
2023 में दुर्गा पूजा 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
2023 में दुर्गा पूजा की तिथियां:
प्रतिपदा तिथि: 15 अक्टूबर, 2023
द्वितीया तिथि: 16 अक्टूबर, 2023
तृतीया तिथि: 17 अक्टूबर, 2023
चतुर्थी तिथि: 18 अक्टूबर, 2023
पंचमी तिथि: 19 अक्टूबर, 2023
षष्ठी तिथि: 20 अक्टूबर, 2023
सप्तमी तिथि: 21 अक्टूबर, 2023
अष्टमी तिथि: 22 अक्टूबर, 2023
नवमी तिथि: 23 अक्टूबर, 2023
दशहरा का महत्व:
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन, भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक स्थापित किया था।
दशहरा का महत्व निम्नलिखित है:
बुराई पर अच्छाई की जीत: दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक स्थापित किया था।
धर्म की जीत: दशहरा धर्म की जीत का प्रतीक है। भगवान राम ने रावण का वध करके अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक स्थापित किया था।
सामाजिक समारोह: दशहरा एक सामाजिक समारोह भी है। इस दौरान, परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ समय बिताने और आनंद लेने का अवसर मिलता है।
दशहरा का इतिहास:
दशहरा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय का जश्न मनाता है।
दशहरा का इतिहास भारत में हजारों वर्षों पुराना है। इसका उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जैसे कि रामायण और महाभारत।
रामायण के अनुसार, रावण लंका का राजा था। वह एक अत्याचारी और दुष्ट राक्षस था, जिसने तीनों लोकों पर आतंक का राज स्थापित कर दिया था। भगवान राम ने रावण के अत्याचारों से तंग आकर उसे हराने के लिए लंका पर आक्रमण किया। भगवान राम के नेतृत्व में रामायण के पात्र रावण से लड़े और उसे मार डाला। इस प्रकार, भगवान राम ने बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक स्थापित किया।
दशहरा कैसे मनाई जाती है?
दशहरा का त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान, भगवान राम की रावण पर विजय की झांकियां निकाली जाती हैं। इन झांकियों में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य रामायण के पात्र शामिल होते हैं।
दशहरा के दिन, लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन करते हैं। इस दिन, लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
दशहरा कब है 2023?
दशहरा 24 अक्टूबर 2023 में को मनाया जाएगा।
दशहरा की तिथि
दशमी तिथि: 24 अक्टूबर, 2023
दुर्गा पूजा और दशहरा के रंग:
दुर्गा पूजा और दशहरा दोनों हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार हैं। इन त्योहारों के दौरान, लोग अपने घरों और मंदिरों को सजाते हैं। इन त्योहारों के दौरान, लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां खाते हैं।
दुर्गा पूजा के दौरान, लोग मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। इन मूर्तियों को रंगीन कपड़े और गहनों से सजाया जाता है। दशहरा के दौरान, लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को रंगीन कपड़े और गहनों से सजाते हैं।
पूजा की विधि और त्योहार की मिठास:
दुर्गा पूजा और दशहरा के दौरान, लोग मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करते हैं। पूजा में मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन और आरती शामिल होती है।
दुर्गा पूजा के दौरान, लोग मां दुर्गा को खुश करने के लिए कई तरह के व्यंजन बनाते हैं। इन व्यंजनों में मिठाईयां प्रमुख हैं। दशहरा के दौरान, लोग रावण दहन के बाद मिठाइयां खाते हैं।
धर्मिक और सामाजिक महत्व:
दुर्गा पूजा और दशहरा दोनों हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार हैं। इन त्योहारों का धार्मिक और सामाजिक महत्व है।
धर्मिक रूप से, दुर्गा पूजा और दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। ये त्योहार लोगों को अच्छाई के मार्ग पर चलने और बुराई से लड़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
सामाजिक रूप से, दुर्गा पूजा और दशहरा एकजुटता और भाईचारे का प्रतीक हैं। इन त्योहारों के दौरान, लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
संक्षेप
दुर्गा पूजा और दशहरा हिंदू धर्म के दो महत्वपूर्ण त्योहार हैं। दुर्गा पूजा मां दुर्गा की पूजा का त्योहार है, जबकि दशहरा भगवान राम की रावण पर विजय का त्योहार है। दोनों त्योहार पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाए जाते हैं।
प्रश्नों के उत्तर:
प्रश्न 1: दुर्गा पूजा और दशहरा के बीच क्या अंतर है?
उत्तर: दुर्गा पूजा मां दुर्गा की पूजा का त्योहार है, जबकि दशहरा भगवान राम की रावण पर विजय का त्योहार है। दुर्गा पूजा नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है, जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में नौ दिनों तक चलता है। दशहरा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है।
प्रश्न 2: दुर्गा पूजा के दौरान लोग क्या करते हैं?
उत्तर: दुर्गा पूजा के दौरान, लोग मां दुर्गा की मूर्तियों की स्थापना करते हैं। इन मूर्तियों को रंगीन कपड़े और गहनों से सजाया जाता है। लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं। इस दौरान, कन्या पूजन, मेला और जुलूस भी निकाले जाते हैं।
प्रश्न 3: दशहरा के दौरान लोग क्या करते हैं?
उत्तर: दशहरा के दौरान, लोग भगवान राम की रावण पर विजय की झांकियां निकालते हैं। इन झांकियों में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और अन्य रामायण के पात्र शामिल होते हैं। दशहरा के दिन, लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन करते हैं। इस दिन, लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
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